मित्रो आज हम जानेंगे दुनिया के सात अजूबों के बारे में, जो आज से कई वर्ष पहले बनाये गए थे। इनमे से कुछ अजूबे रहस्यमय और आश्चर्यजनक है जो कैसे बने है और किसके द्वारा बनाये गए है यह आज तक कोई नही जान सका इसलिए ही इनको अजूबों का नाम दिया गया है, इन अजूबों को एक इंटरनेट के सर्वे से चुना गया है जिसमे इन अजूबों को पूरी दुनिया में आश्चर्यजनक और रहस्यमय माना गया है।
पोस्ट में ये जानकारी है -
दुनिया में सात अजूबे कौन कौन से हैं?
- चिचेन इत्ज़ा पिरामिड
- चीन की दीवार
- रोमन कोलॉज़िअम
- क्राइस्ट द रिडीमर
- ताजमहल
- माचू पिच्चू
- पेट्रा
चिचेन इत्ज़ा पिरामिड
चिचेन इत्ज़ा पिरामिड के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे लेकिन यह दुनिया के सात अजूबो में से एक है। चिचेन इत्ज़ा मैक्सिको में स्थिति एक मायन मंदिर है जो बहुत साल पहले बनाया गया था, चिचेन इतेजा का यह माया मंदिर पिरामिड आकृति का है जो 5 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इस माया मंदिर के चारो तरफ सीढ़िया बनी हुई है इन सीढ़ियों की कुल गिनती 365 है, यह आश्चर्यजनक इस लिए है क्योंकि इसमें लगे पत्थर बहुत भारी जो यह सोचने पर मजबूर करते है कि आज से इतना समय पहले बिना किसी टेक्नोलॉजी के कैसे एक दूसरे के ऊपर इनको रख इस चिचेन इत्ज़ा माया मंदिर का निर्माण किया होगा, इन रहस्यों की वजह से ही इसको सात अजूबो में शामिल किया गया है।
चीन की दीवार
चीन की दीवार दुनिया मे मानव के द्वारा बनाई गयी सबसे बडी दीवार है आज तक किसी इंसान के द्वारा इस से बड़ी कोई दीवार नही बनाई गई यहाँ तक कि अंतरिक्ष से भी यह दीवार दिखाई देती है, यह दीवार मंगोल के हमलावरों को चीन से बाहर रखने के लिए बनाया गया था इस दीवार का निर्माण चीन के विभिन्न शासको द्वारा 7वी सदी से 16वी सदी के बीच बनाया गया था इसकी लंबाई 6400 किलोमीटर तक कि है इस दीवार की उचाई सब जगह एक जैसी नही है इसकी सबसे ज्यादा उचाई 46 फ़ीट है और कुछ जगह से 8 से 9 फ़ीट उचाई है, इस दीवार की चौड़ाई इतनी है कि 10 से 15 आदमी एक साथ चल सकते है
रोमन कोलॉज़िअम
इटली देश के रोम नगर में स्थिति रोमन सम्राज्य का विशाल स्टेडियम माना जाता है, इस कोलोजियम के निर्माण कि शुरुआत 72वी ईस्वी में वेसपियन के काल मे शुरू हुई थी और 80वी ईस्वी में टाइटस के काल मे इस का निर्माण पूरा हो गया था, इसका आकार अंडाकार था और इसमे 50000 तक लोग एक साथ बैठ सकते थे जो उस समय मे आम बात नही थी, इस स्टेडियम में सिर्फ मनोरंजन के लिए योद्धाओ के बीच लड़ाईयां होती थी, योद्धाओ को जानवरों से भी लड़ाया जाता था, अभी यह प्राकृतिक आपदाओं से काफी नष्ट हो गया है पहले के मुकाबले इसकी विशालता अभी उतनी नही है आज जो कोलोजियम हम देखते है वह मूल कोलोजियम का एक छोटा सा भाग है। इस का निर्माण ईटो और रेत से किया गया था।
क्राइस्ट द रिडीमर
यह एक ईसा मसीह की प्रतिमा है जो ब्राजील के रियो डी जिनेरियो में स्थित है, इसका निर्माण 1922 में शुरू किया गया था और 1931 में यह बनकर तैयार हो गयी थी यह दुनिया की दूसरी सबसे बडी मूर्ति है जिसकी उचाई 130 फ़ीट है, इस प्रतिमा की चौड़ाई 98 फ़ीट है। इस मूर्ति को कैथोलिक ईसाईयों द्वारा दिये गए दान से बनाया गया था, यह मूर्ति लगभग 250000 अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाई गई थी। यह 700 मीटर उची क्रोकोवाडो की पहाड़ी पर स्थित है। इसका कुल वजन 635 टन है। यह मूर्ति कंक्रीट और पत्थर से बनाई गई थी। अपनी इन विशेष बातों से ही यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
ताजमहल
ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित है, यह भारत की शान है और ताजमहल भी दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। यह चारो तरफ से देखने मे एक जैसा ही लगता है, ताजमहल का निर्माण 1632 में शाहजहाँ द्वारा कराया गया था इसके निर्माण के लिए शाहजहाँ ने इटली से लेकर पर्शिया तक के दक्ष कारीगर बुलवाए थे, ताजमहल एक प्यार की निशानी है जिसको शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था, इस के निर्माण में लगभग 15 साल का समय लगा था इसका निर्माण पूर्ण होने के बाद शाहजहाँ ने इसे बनाने वाले कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे ता की इसके जैसी सूंदर आकृति का दुबारा से निर्माण ना किया जा सके।
माचू पिच्चू
माचू पिचू दक्षिण अमेरिका के पेरू में एंडीज़ पर्वतों के बीच बसा एक शहर था। इस शहर का निर्माण 15वीं सदी में सम्राट पैचाक्यूटेक के द्वारा किया गया था, माना जाता है कि 15वीं सदी के बाद चेचक जैसी महामारी फैलने से यह शहर नष्ट हो गया था। उसके बाद 1911 में हीरम बिंगम ने इसकी खोज की थी। 1983 में इस शहर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया। यह शहर समुंदर तल से 2430 मीटर की उचाई पर बसा हुआ था इतनी उचाई में बसा होने के कारण ही यह सात अजूबों में शामिल है। इस शहर को खोजे हुए 100 वर्ष तक हो गए लेकिन आज भी इसमे मिलने वाले कंकालों से कुछ ज्यादा पता नही लगाया जा सका आज भी यहाँ बहुत से रहसय छुपे हुए हैं।
पेट्रा
पेट्रा पुराने समय मे निर्मित जार्डन में स्थित इतिहासिक नगर है जो अपनी कलाकृति की वजह से सात अजूबों में शामिल है। इसके निर्माण के पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन 312 ईसा पूर्व इसके निर्माण का समय माना जाता है। पेट्रा एक इतेहसिक और सांस्कृतिक स्थल है। यहाँ दूर दूर से पर्यटक आते है घूमने और यहाँ की कलाकृति को देखने। यहा के पत्थरों को काट कर कलाकृति बनाई गई है जो लाल रंग की है। यहां बहुत से प्राचीन मंदिर स्थित है। और भी बहुत इतिहासिक स्थल स्तिथि है इस नगर में जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं।